Covalent nature of Ionic Bond:
कोई भी बंध शुद्ध Ionic बंध या covalent नहीं होती। Ionic बंध में covalent प्रकृति या covalent बंध में Ionic बंध की प्रकृति आ जाती है।जब धनायन और ऋणायन पास में होते है तब ऋणायन का इलेक्ट्रॉन मेघ धनायन के नाभिक ओर आकर्षित हो जाते है जिससे ऋणायन का आकार बदल जाता है,ऋणायन का विकृतिकरण हो जाता है।यह प्रभाव ऋणायन के कारण धनायन पर भी हो सकता है लेकिन धनायन का आकार ऋणायन से छोटा होता है इसलिए धनायन पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता। ऋणायन के इलेक्ट्रॉन मेघ जब धनायन की ओर आकर्षित होते है तब ऋणायन का विरूपण हो जाता है,जिसे polarisation कहते है। इस कारण ऋणायन के इलेक्ट्रॉन धनायन की तरफ चले जाता है किसी इलेक्ट्रॉन घनत्व बढ़ जाता है।धनायन,ऋणायन को polarise करता है अतः धनायन का polarising power जितना अधिक होगा ऋणायन का विकृतिकरण उतना अधिक होगा। तथा ऋणायन का polarisation जितना ज्यादा होगा Ionic बंध में covalent character उतना ज्यादा होगी।
अतः Ionic बंध में covalent character को समझाने के लिए Fazan ने निम्न नियम दिए जिसे Fazan's नियम कहते है।
Fazan's rule;
1. Size of Cation;
धनायन का आकार जितना छोटा होता है,उसके आवेश बहुत पास पास होता है जिससे वे ऋणायन के इलेक्ट्रॉन घनत्व को ज्यादा आकर्षित करते है जिससे धनायन का polarising power बढ़ता है जिससे ऋणायन का polarisation ज्यादा होता है जिससे Ionic बंध में covalent character बढ़ती है।
जैसे प्रथम समूह के धनायन (Li^+,Na^+,K^+,Rb^+) में polarising power के क्रम Li^+>Na^+>K^+>Rb^+ होगा क्योंकि समूह में नीचे जाने पर आकार बढ़ता है जिससे परमाणु के अंदर आवेश पास पास नहीं होते है जिससे वे इलेक्ट्रॉन मेघ को ज्यादा आकर्षित नहीं कर पाते।
2.Charge on Cation;
धनायन में जितना ज्यादा आवेश होता है,वे ऋणायन के इलेक्ट्रॉन मेघ को ज्यादा आकर्षित करते है जिससे धनायन का polarising power बढ़ता है जिससे ऋणायन ज्यादा polarised होते है जिससे Ionic बंध में covalent character बढ़ती है।
जैसे NaCl, MgCl2, AlCl3, SiCl4, PCl5 में polarising power का क्रम PCl5>SiCl4>AlCl3>MgCl2>NaCl होगा क्योंकि फास्फोरस पर आवेश +5 है, सिलिकॉन पर आवेश +4 है, एल्युमिनियम पर आवेश +3 है तथा मैग्नेशियम पर आवेश +2 एवम् सोडियम पर आवेश +1 होता है।
Electronic configuration of cation;
यदि धनायन के बाह्य कोश 18 इलेक्ट्रॉन होते है उनकी polarising power सबसे ज्यादा होती है।
जैसे Zn^2+ की इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s2,2s2,2p6,3s2,3p6,3d10,4s0 होती है।स्पष्ट है कि तीसरे कोश में 18 इलेक्ट्रॉन इलेक्ट्रॉन है( 3s2,3p6,3d10) जिससे इसकी polarising power अधिक होती है जिससे ये ऋणायन के इलेक्ट्रॉन मेघ जो ज्यादा आकर्षित करते है जिससे covalent character बढ़ती है।
Cu^+ की इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s2,2s2,2p6,3s2,3p6,3d10,4s0 होती है जिसमें बाह्य कोश में 18 इलेक्ट्रॉन उपस्थित है जिससे इसकी polarising power अधिक होती है जिससे covalent character बढ़ती है।
इसी तरह Cd^2+, Hg^2+, Cu^2+, Ag^2+, Au^2+ के बाह्य कोश में 18 इलेक्ट्रॉन होते है जिससे इनकी polarising power अधिक होती है।
Cu^+ की इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s2,2s2,2p6,3s2,3p6,3d10,4s0 होती है जिसमें बाह्य कोश में 18 इलेक्ट्रॉन उपस्थित है जिससे इसकी polarising power अधिक होती है जिससे covalent character बढ़ती है।
इसी तरह Cd^2+, Hg^2+, Cu^2+, Ag^2+, Au^2+ के बाह्य कोश में 18 इलेक्ट्रॉन होते है जिससे इनकी polarising power अधिक होती है।
Size of anion;
Anion का आकार अधिक होने पर उसका इलेक्ट्रॉन नाभिक से दूर होते है जो धनायन के नाभिक से आसानी से आकर्षित हो जाते है। ऋणायन का आकार बड़ा होने से उसकी polarisation बढ़ती है जिससे covalent character बढ़ती है।
जैसे CaF2, CaCl2, CaBr2, CaI2 में धनायन का आकार समान है तथा सभी में आवेश भी समान है।लेकिन ऋणायन अलग अलग है,जैसे जैसे ऋणायन का आकार बढ़ता है उसकी polarisation बढ़ती है जिससे covalent character बढ़ती है। अतः क्रम CaF2<CaCl2>CaBr2<CaI2 होगा।यहां CaCl2 की covalent character CaBr2 के तुलना में ज्यादा है क्योंकि क्लोरीन में आवेश factor भी dominating होता है।
Charge on Anion;
ऋणायन में जितना अधिक आवेश होता है,उसका polarisation उतना ज्यादा होता है क्योंकि ऋण आवेश अधिक होने पर ऋणायन बाह्य इलेक्ट्रॉन को आसानी से प्रतिकर्सित करते है जिससे धनायन के ओर आसानी से आकर्षित हो जाते है,जिससे polarisation बढ़ती है।
जैसे कि NaF एवम् Na2O में Na2O की covalent character NaF के तुलना में अधिक है क्योंकि ऑक्सीजन पर आवेश -२ है तथा फ्लोरीन पर आवेश -१ है आवेश अधिक होने पर polarisation बढ़ती है जिससे covalent character बढ़ती है।
Question; LiCl, BeCl2, BCl3, CCl4, ko covalent character के क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
Ans; CCl4>BCl3>BeCl2>LiCl
क्योंकि इन Ionic बंध में ऋणायन समान है तथा सभी परमाणु एक ही आवर्त से है,आवर्त में आकार ज्यादा परिवर्तन नहीं होता। कार्बन में आवेश +4,बोरोन मे आवेश +3, बेरीलियम में आवेश +2 तथा लिथियम में आवेश +1 है।अतः धनायन में आवेश अधिक होने पर ऋणायन को ज्यादा polarise करते है जिससे covalent character बढ़ती है।
Question: NaCl, NaBr, NaF, NaI ko covalent character के क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
Ans; NaI>NaBr<NaCl>NaF
क्योंकि Ionic बंध में धनायन सभी में समान है,आवेश भी सभी में समान है।ऋणायन अलग है।ऋणायन का आकार बढ़ने पर polarisation बढ़ती है जिससे covalent character बढ़ती है।
Question: BeO, MgO, CaO, SrO,BaO को covalent character के क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
Ans; ऋणायन का आकार समान है तथा आवेश ।किमात्रा भी समान है।धनायन का आकार जितना छोटा है उसकी polarising power उतना ज्यादा होती है जिससे covalent character बढ़ती है।अतः क्रम BeO>MgO>CaO>SrO>BaO
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