Acidic nature; inductive effect की सहायता से हम किसी कार्बनिक यौगिक के acidic nature का पता कर सकते है।
किसी कार्बनिक यौगिक में सहसंयोजक बंध में इलेक्ट्रॉन का आंशिक विस्थापन प्रेरणिक प्रभाव कहलाता है।
किसी कार्बनिक यौगिक के acidic nature पता करने की कई विधि है।
Molecule मे जितना ज्यादा negative inductive effect होगा,उसकी acidic nature उतना अधिक होगा।
तथा किसी molecule मे जितना ज्यादा positive inductive effect होगा,molecule या compound utna कम एसिडिक होगा।
For example CH3COOH & HCOOH में CH3COOH कम एसिडिक है क्योंकि molecule में proton free होने पर CH3 GROUP +I effect के कारण ऑक्सीजन पर electron density ko increase kar deta hai जिससे oxygen and hydrogen के बंध को तोड़ना मुश्किल हो जाता है जिससे प्रोटॉन free नहीं हो पाता और यौगिक कम अम्लीय होता है।
HCOOH ज्यादा अम्लीय होता है क्योंकि hydrogen में +I effect नहीं पाया जाता तथा यौगिक अधिक stable होता है तथा अधिक अम्लीय होता है।
Question: arrange following compound in acidic nature(acidic nature में व्यवस्थित कीजिए)
A...CH2(Cl)-CH2-CH2-COOH
B...CH3-CH2-COOH
C...CH(Cl2)-CH2-CH2-COOH
D...C(F3)-CH2-CH2-COOH
ANS:: B<A<C<D
Acidic nature:
Acidic nature inductive effect iit jee neet in hindi |
दर्शाए चित्र के अनुसार कोई दुर्बल एसिड वियोजित होकर corboxylate ion तथा proton free करता है। अब corboxylate ion जितना ज्यादा स्टेबल होगा उतना ज्यादा प्रोटॉन मुक्त होगा तथा उतना ज्यादा Ka acidic constant का मान होगा तथा compound utna अधिक अम्लीय होगा।
अब corboxylate ion की stability inductive effect पर निर्भर करता है। negative inductive effect corboxylate ion ko jyaada stablize karte hai तथा positive inductive effect stability ko decrease करता है।
Pka=-log(Ka)
PKa मान के द्वारा हम acidic nature को पता कर सकते है,जितना ज्यादा Ka का मान होगा,PKa का मान उतना कम होगा तथा molecule या यौगिक उतना ज्यादा stable होता है।
CH3-COOH and HCOOH में CH3COOH का PKa मान ज्यादा होता है।
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